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मुझे इंतज़ार है मेरे मार जाने का

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Mujhe intezar hai mere maar jane k Fir Tere paas laut Aane ka Aur Talash kitne karu main is aalam (world)me  Zaroorat to hai tere  Sath ki Gum Jo mila khushi se jaada khushi  hui  dekh mere  khawabo me aa k zaroorat to hai teri Baad azaib ye manzar hai बड़ा अजीब ये मंजर दिखाई देता है हर एक शख्स ही पत्थर दिखाई देता है जिसे भी अपना समझता हूं ऐ मेरे यारों उसी के हाथ में खंजर दिखाई देता है

Top sad shayari

             JAUN ELIYA ye mujhe chain kyuuñ nahīñ pa Ḍ tā ek hī sha ḳ hs thā jahān meñ kyā ilaaj ye hai ki majbūr kar diyā jā.ūñ vagarna yuuñ to kisī kī nahīñ sunī maiñ ne kaun is ghar kī dekh-bhāl kare roz ik chiiz TuuT jaatī hai zindagī kis tarah basar hogī dil nahīñ lag rahā mohabbat meñ us galī ne ye sun ke sabr kiyā jaane vaale yahāñ ke the hī nahīñ kitnī dilkash ho tum kitnā dil-jū huuñ maiñ kyā sitam hai ki ham log mar jā.eñge merī bāñhoñ meñ bahakne kī sazā bhī sun le ab bahut der meñ āzād karūñgā tujh ko kyā sitam hai ki ab tirī sūrat ġhaur karne pe yaad aatī hai

majnoon nai shahr chhoda tu bhee chhod-मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे नज़्ज़ारे की हवस हो तो लैला भी छोड़ दे

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ghazal ALLAMA IQBAL majnoon nai shahr chhoda tu bhee chhod मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे नज़्ज़ारे की हवस हो तो लैला भी छोड़ दे वाइज़ कमाल - ए - तर्क से मिलती है याँ मुराद दुनिया जो छोड़ दी है तो उक़्बा भी छोड़ दे तक़लीद की रविश से तो बेहतर है ख़ुद - कुशी रस्ता भी ढूँड ख़िज़्र का सौदा भी छोड़ दे मानिंद - ए - ख़ामा तेरी ज़बाँ पर है हर्फ़ - ए - ग़ैर बेगाना शय पे नाज़िश - ए - बेजा भी छोड़ दे लुत्फ़ - ए - कलाम क्या जो न हो दिल में दर्द - ए - इश्क़ बिस्मिल नहीं है तू तो तड़पना भी छोड़ दे शबनम की तरह फूलों पे रो और चमन से चल इस बाग़ में क़याम का सौदा भी छोड़ दे है आशिक़ी में रस्म अलग सब से बैठना बुत - ख़ाना भी हरम भी कलीसा भी छोड़ दे सौदा - गरी नहीं ये इबादत ख़ुदा की है ऐ बे - ख़बर जज़ा की तमन्ना भी छोड़ दे अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान - ए - अक़्ल लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे जीना वो क्या जो हो नफ़स - ए -...