मुझे वक़्त दो ज़रा मुझे सुकू भी तो दो ज़रा मुझे चैन भी तो दो ज़रा मुझे ज़िन्दगी की तलाश है मुझे वक़्त भी तो दो ज़रा मुझे पता नही मुझे पता नही मेरे दिल मे वो बस कही वो कौन मुझे सोचने का तो वक़्त दो मुझे होस दो मुझे चैन दो मुझे वक़्त दो ज़रा मुझे वक़्त दो ... ----ismeazam khan छोटी सी है लेकिन उम्मीद करता हूँ आपको ये कविता पसंद आएगी
देर तक खड़ा रहा वहां ये सोच कर | Stood there thinking that देर तक खड़ा रहा वहां ये सोच कर कि तलाश कर लेंगे वो मेरी लोगों की तो बात छोड़ो किसी की दुआएं यहां तक ना आई सोचता हूं जो चल रहा होता तो किस मुकाम पर खड़ा होता और उस इक शख्स की याद भी किस तरह आई हर वक्त कोई उसके साथ खड़ा होता der tak khada raha vahaan ye soch kar ki talaash kar lenge vo meree logon kee to baat chhodo kisee kee duaen yahaan tak na aaee sochata hoon jo chal raha hota to kis mukaam par khada hota aur us ek shakhs kee yaad bhee kis tarah aaee har vakt koee usake saath khada hota English Stoo...
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