हर बात छुपा कर रखा है




हर बात छुपा कर रखा है

जो बीत गयीं बस बातों में 

वो रात छुपा कर रखा है

तेरे हाथों की वो नरमी

ज़ुल्फ़ों की भीनी खुशबू

सांसो की तेरी गरमी

और आंखों का वो जादू

बातें ,यादें न जाने कितने

एहसास दबा कर रखा है
......

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मुझे वक़्त भी तो दो ज़रा

देर तक खड़ा रहा वहां ये सोच कर | der tak khada raha vahaan ye soch kar