मुझे वक़्त भी तो दो ज़रा


मुझे वक़्त दो ज़रा 


मुझे सुकू भी तो दो ज़रा


मुझे चैन भी तो दो ज़रा 


मुझे ज़िन्दगी की तलाश है 


मुझे वक़्त भी तो दो ज़रा 


मुझे पता नही


मुझे पता नही 


मेरे दिल मे वो बस कही  वो कौन


मुझे सोचने का तो वक़्त दो 


मुझे होस दो 


मुझे चैन दो 


मुझे वक़्त दो ज़रा मुझे  वक़्त दो ...


----ismeazam khan

छोटी सी है लेकिन उम्मीद करता हूँ आपको ये कविता पसंद आएगी


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